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*खंडवा नगर निगम में प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा बैठक सम्पन्न*

*आवास निर्माण की प्रगति और अनियमितताओं पर हुआ विस्तार से मूल्यांकन*

*खंडवा नगर निगम में प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा बैठक सम्पन्न*
*आवास निर्माण की प्रगति और अनियमितताओं पर हुआ विस्तार से मूल्यांकन*

खंडवा, दिनांक 29 मई 2025 — प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के अंतर्गत निर्माण कार्यों की प्रगति, लंबित प्रकरणों की स्थिति तथा पारदर्शी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से खंडवा नगर निगम में एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता नगर निगम आयुक्त श्रीमती प्रियंका राजावत ने की।

बैठक में शहरी आवास योजना की नोडल अधिकारी श्रीमती वर्षा घिडोड़े, कार्यपालन यंत्री श्री राधेश्याम उपाध्याय, निगम के तकनीकी अधिकारी, लेखा शाखा प्रतिनिधि, क्षेत्रीय निरीक्षकगण एवं अन्य संबंधित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य Not Started तथा Roof Level Completed प्रकरणों की समग्र समीक्षा करना और योजनागत पारदर्शिता बनाए रखना रहा।

*“Not Started” एवं “Roof Level Completed” प्रकरणों की समीक्षा*

बैठक की शुरुआत उन प्रकरणों की समीक्षा से हुई जिनमें आवास निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है या जो छत स्तर तक पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन अगली किश्तें लंबित हैं। आयुक्त ने इस ओर ध्यान दिलाया कि जिन लाभार्थियों को प्रथम या द्वितीय किश्त निर्गत हो चुकी है, उन्हें निर्माण कार्य शीघ्र आरंभ करना सुनिश्चित किया जाए। वहीं छत स्तर तक पूर्ण निर्माण कार्यों में विभागीय समन्वय से किश्त निर्गत की प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण किया जाए।

*एक ही आवास के लिए दो किश्तें – गलत सूचना पर भुगतान*

बैठक में खानशावली क्षेत्र से संबंधित एक प्रकरण पर चर्चा हुई जिसमें यह पाया गया कि एक ही निर्माणाधीन आवास के लिए दो किश्तें गलत सूचना के आधार पर निर्गत की गईं। यह जनधन के उपयोग में अनुशासनहीनता का उदाहरण था, जिसे गंभीरता से लिया गया। आयुक्त ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच एवं कार्यवाही आवश्यक है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।

*पूर्वनिर्मित पक्के मकान पर योजना का लाभ*

एक अन्य प्रकरण में हितग्राही द्वारा पहले से निर्मित पक्के मकान के आगे एक दीवार खड़ी कर जियो-टैगिंग कराई गई और उसके आधार पर किश्त प्राप्त की गई। बैठक में यह निर्णय किया गया कि ऐसे सभी प्रकरणों को ‘सरेन्डर केस’ के रूप में चिह्नित किया जाए एवं दी गई राशि की वसूली की जाए। साथ ही जियो-टैगिंग करने वाली टीम की भूमिका की भी जांच आवश्यक मानी गई।

*छत तक तैयार आवास – केवल एक किश्त निर्गत*

एक प्रकरण में हितग्राही द्वारा छत स्तर तक निर्माण कार्य पूर्ण कर लिए जाने के बावजूद केवल एक किश्त ही प्राप्त हुई थी। बैठक में निर्णय लिया गया कि विभागीय स्तर पर व शासन से समन्वय स्थापित कर ऐसे मामलों का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए।

*जर्जर भवन पर प्लास्टर कर लाभ प्राप्ति का प्रयास*

एक अन्य मामला सामने आया जिसमें एक पुराने जर्जर भवन पर प्लास्टर कर निर्माण कार्य का भ्रम उत्पन्न कर जियो-टैगिंग करवाई गई और किश्त प्राप्त की गई। इसे स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी की श्रेणी में रखते हुए निर्णय लिया गया कि जांच उपरांत दोषियों पर एफआईआर की जाएगी.

*अनुपलब्ध हितग्राही एवं खाली प्लॉट पर कार्रवाई*

कुछ मामलों में पाया गया कि लाभार्थी निर्माण किश्त प्राप्त करने पर भी निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया, और हितग्राही बार-बार प्रयासों के बावजूद संपर्क में नहीं आ रहे। ऐसे प्रकरणों में यह निर्णय लिया गया कि संबंधित प्लॉटों पर “स्वामित्व – नगर पालिक निगम खंडवा” के बोर्ड लगाए जाएं तथा आवश्यकता पड़ने पर फेंसिंग की कार्यवाही भी कराई जाए।

*व्यावसायिक संपत्ति पर आवास योजना का लाभ*

एक प्रकरण में यह सामने आया कि हितग्राही के नाम पर गांजागोदम क्षेत्र में पूर्व से ही एक बड़ी व्यावसायिक दुकान है, इसके बावजूद प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लिया गया। बैठक में ऐसे सभी प्रकरणों की जांच कर योजना से बाहर करने एवं दी गई राशि की वसूली की प्रक्रिया अपनाने की बात कही गई।

*मंदिर निर्माण स्थल की टैगिंग कर दूसरी किश्त प्राप्त*

प्रेम नगर, वार्ड क्रमांक 10 से संबंधित एक गंभीर मामला सामने आया जिसमें हितग्राही ने पहले स्वयं के निर्माण स्थल की टैगिंग कर पहली किश्त प्राप्त की, और बाद में 50 मीटर दूर मंदिर निर्माण स्थल की जियो-टैगिंग कर दूसरी किश्त भी प्राप्त कर ली। यह स्पष्ट रूप से द्वैध लाभ प्राप्ति का मामला था। बैठक में तय किया गया कि इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त विधिक कार्रवाई की जाएगी।

*कर्मचारियों की संलिप्तता की आशंका, जवाबदेही तय होगी*

इन मामलों की समेकित समीक्षा के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि अनियमितताओं में केवल हितग्राही ही नहीं बल्कि जियो-टैगिंग करने वाले और सत्यापन से जुड़े कुछ कर्मचारी भी संलिप्त हो सकते हैं। आयुक्त ने यह स्पष्ट किया कि दोषी कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ-साथ आवश्यकतानुसार एफआईआर भी दर्ज की जाएगी।

*अन्य विषयों पर भी हुई समीक्षा*

बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के अतिरिक्त वर्षा जल संचयन (Rain Water Harvesting), CBG प्लांट, और Legacy Waste Management जैसे महत्वपूर्ण शहरी प्रबंधन से जुड़े विषयों पर भी समीक्षा की गई। आयुक्त ने इन योजनाओं को शहरी विकास की दृष्टि से आवश्यक बताते हुए इनके क्रियान्वयन में गुणवत्ता, समयबद्धता एवं पारदर्शिता बनाए रखने के निर्देश दिए।

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